बड़ी खबर। नीतीश कुमार ने बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लिया, बिहार में भी पड़ सकता है असर

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने मणिपुर में भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। मणिपुर में जारी हिंसा और कानून-व्यवस्था की स्थिति भी इस फैसले का एक कारण हो सकती है। इससे बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों में सीट बंटवारे पर असर पड़ सकता है।

भाजपा सरकार है निशाने पर

जेडीयू ने मणिपुर में भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। मणिपुर विधानसभा में भाजपा के पास 32 सीटें हैं, जो बहुमत से ज्यादा है। जेडीयू के 6 विधायक थे, जो अब भाजपा सरकार का हिस्सा नहीं रहेंगे। यह फैसला लगभग दो साल से अशांत मणिपुर में भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है। भाजपा पहले से ही कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्ष के निशाने पर है।

निकाले जा रहे राजनीतिक माएने

मणिपुर विधानसभा में भाजपा के पास 32, एनपीएफ के पास 5 और एनपीपी के पास 7 सीटें हैं। जेडीयू को पिछले विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित रूप से 6 सीटें मिली थीं। कांग्रेस के पास 5 और केपीए के पास 2 सीटें हैं। जेडीयू के समर्थन वापस लेने से भाजपा सरकार पर तत्काल कोई खतरा नहीं है। लेकिन इस फैसले के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। खासकर दिल्ली और पटना में इसके राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।

अक्टूबर में होंगे बिहार में चुनाव

बिहार में इस साल अक्टूबर के आसपास विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसलिए, नीतीश कुमार के इस कदम को भाजपा पर सीट बंटवारे के लिए दबाव बनाने की रणनीति माना जा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार चुनाव में जेडीयू और भाजपा का गठबंधन रहता है या नहीं। यह फैसला दोनों दलों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा।

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